बन्दर और मूंगफलिया एक बार एक बन्दर जंगल में घूम रहा था. तभी अचानक उसने रास्ते में एक लोहे का Box देखा. वो कुछ देर तक दूर से उसे देखता रहा, फिर अचानक वो उस Box के पास गया. उसने देखा उस Box में एक छोटा सा छेद है. उसने उस छेद में झाँक के देखा तो उसे उस Box में उसे बहुत सारी मूंगफलिया (Peanuts) दिखी. उसने उस छेद में अपना हाथ डाला और अपनी मुठ्ठी में, जितनी हो सकती थी उतनी मूंगफलिया भर ली. वो बन्दर मूंगफलियों से भरा हाथ उस छेद से बहार निकालने की बहुत कोशिश करने लगा पर वो अपना हाथ नहीं निकाल पा रहा था. ऐसा इसलिए था क्यूकि वो छेद सिर्फ इतना ही बड़ा था की उसमे से खाली हाथ तो बाहर आ सकता था परन्तु बंद मुठ्ठी निकलने लायक नहीं. तभी कुछ देर बाद झाडियों में छिपे सभी शिकारी बहार आये और उसकी तरफ बढ़ने लगे. अब ये बन्दर का फैसला था कि वो मूंगफलियों का लालच छोड़ दे और आज़ाद हो जाए या फिर अपनी मुठ्ठी बंद रखे और पकड़ा जाए. लेकिन बन्दर ने अपना लालच नहीं छोड़ा और पकड़ा गया. दोस्तों हम सभी कही न कही इस बन्दर की तरह ही किसी न किसी लालच में अटक जाते हैं और यही लालच हमें आगे बढ़ने नहीं देता. हम अक्स